नए जीवन के इंतजार में....

on गुरुवार, 28 मई 2009

नए जीवन के इंतजार में....... बीज
फूल बना तब महके बगिया
अब बीज बन मै बिखरुंगा
अपने आँगन में ले जाना
पल - पल जीवन में मह्कूंगा

6 टिप्पणियाँ:

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर लाजवाब बधाई

Divine India ने कहा…

बेहतरीन… ताजगी का एहसास है।

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

मनोहारी छायांकन!
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बहुत कुछ याद आ गया
इस फ़ोटो में
गुलमेंहदी के फूल की
फली को देखकर!
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अलग-अलग रंग के
फूलों के बीज
इंजेक्शन की अलग-अलग शीशियों में भरकर
और
लेबल लगाकर रखा करता था!
प्राथमिक पाठशाला में पढ़ता था -
उस समय की बात है!
रोज़ देखता था -
कलियों की नोकें देखकर
मेरी ख़ुशी बढ़ने लगती थी,
किस पौधे की कली से
कौन-सा रंग फूटेगा,
मुझे पता होता था!
ज्यों-ज्यों रंगीन पंखुड़ियों का भाग बढ़ता था,
मेरी ख़ुशी और अधिक बढ़ती जाती थी!
बहुत कुछ लिखने का मन हो रहा है,
पर अभी इतना ही ... ... .
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मैं भी चाहता हूँ कि
दुनिया का हर आँगन
फूलों की मुस्कान से सजकर
उनकी ख़ुशबू से महके!

gazalkbahane ने कहा…
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gazalkbahane ने कहा…

मन लुभावन
श्याम सखा श्याम

gunjan ने कहा…

behtreen hai.mujhe bhi camera ka sahi istmal karna hoga

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